कागज पे पानी से हमने एक तस्वीर बनायी थी
ओ़स की बूंदों से हमने रंगों को घोला था
चिलमन को सहला कर आई हवाओं ने उन्हें सुखाया था
धूप की किरणों ने रंगों को निखारा था
लेकिन ना जाने हमें यह तस्वीर दिखती नहीं है
तस्वीर में कोई चेहरा हँसता नहीं है
क्या शिकायत करें काग़ज से
शिकवे तो रंग से है जो हमने ही बनाये थे